मूत्र मार्ग का संक्रमण (UTI – Urinary Tract Infection)
🔍 UTI क्या है?
UTI (Urinary Tract Infection) एक बैक्टीरिया जनित संक्रमण होता है, जो मूत्र प्रणाली के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है:
- मूत्रमार्ग (Urethra)
- मूत्राशय (Bladder)
- मूत्रवाहिनी (Ureters)
- गुर्दे (Kidneys)
👉 अधिकतर मामलों में संक्रमण नीचे से ऊपर की ओर बढ़ता है और सबसे पहले मूत्रमार्ग और मूत्राशय को प्रभावित करता है।
🤔 UTI कैसे होता है?
कारण | विवरण |
🔹 साफ-सफाई की कमी | गंदे टॉयलेट या ठीक से सफाई न करना |
🔹 बार-बार पेशाब रोकना | बैक्टीरिया को बढ़ने का मौका मिलता है |
🔹 महिलाओं की रचना | महिलाओं में मूत्रमार्ग छोटा होता है, जिससे संक्रमण जल्दी फैलता है |
🔹 यौन संबंध | बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर सकते हैं |
🔹 गर्भावस्था या मधुमेह | संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है |
🔹 कैथेटर का उपयोग | पेशाब निकालने वाली ट्यूब से संक्रमण का खतरा |
⚠️ लक्षण (Symptoms of UTI)
- पेशाब करते समय जलन या दर्द
- बार-बार पेशाब आना, पर थोड़ी मात्रा में
- पेशाब का रंग गहरा या धुंधला
- पेशाब में तेज़ गंध
- पेट के निचले हिस्से या कमर में दर्द
- कभी-कभी हल्का बुखार
- बच्चों या बुजुर्गों में भ्रम (confusion) या कमजोरी
👉 अगर संक्रमण गुर्दे तक पहुँच जाए, तो तेज़ बुखार, पीठ में दर्द और उल्टी भी हो सकती है (गंभीर स्थिति)।
🛡️ बचाव (Prevention Tips)
- रोज़ाना 8-10 गिलास पानी पिएं
- पेशाब को रोककर न रखें
- यौन संबंध से पहले और बाद में सफाई करें
- टॉयलेट के बाद अगले से पीछे की ओर सफाई करें (विशेषकर महिलाएं)
- कॉटन के अंडरवियर पहनें
- बहुत ज्यादा टाइट कपड़े न पहनें
- सार्वजनिक शौचालय में साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें
- पेशाब करने के बाद पूरा ब्लैडर खाली करें
🔬 जांच (Diagnosis)
जांच | उद्देश्य |
🔸 Urine Routine & Microscopy | पेशाब में WBC, RBC, बैक्टीरिया आदि की जांच |
🔸 Urine Culture | संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया का पता लगाने |
🔸 Ultrasound KUB (Kidney, Ureter, Bladder) | गंभीर या बार-बार होने वाले संक्रमण में |
🔸 CBC (Complete Blood Count) | संक्रमण की तीव्रता जानने के लिए |
💊 इलाज (Treatment)
स्थिति | इलाज |
🔸 हल्का संक्रमण | डॉक्टर द्वारा निर्धारित एंटीबायोटिक्स जैसे – Nitrofurantoin, Fosfomycin, Ciprofloxacin आदि |
🔸 दर्द या जलन | Urinary alkalizer (जैसे – Citralka), पानी अधिक पिलाना |
🔸 बार-बार UTI | पूरी जांच और लंबे समय तक दवा देना आवश्यक |
🔸 गंभीर संक्रमण | कभी-कभी इंजेक्शन या हॉस्पिटल में भर्ती की ज़रूरत होती है |
👉 खुद से एंटीबायोटिक लेना गलत हो सकता है — डॉक्टर की सलाह से ही इलाज करें।
🍎 खानपान (Diet for UTI)
✔️ क्या खाएं:
- ज्यादा पानी
- नारियल पानी
- नींबू पानी
- दही / छाछ
- फल जैसे तरबूज, खीरा, संतरा
- क्रैनबेरी जूस (यदि उपलब्ध हो)
❌ बचें:
- चाय, कॉफी, शराब
- मसालेदार और तली हुई चीजें
- मीठा और प्रोसेस्ड फूड
- बहुत ज्यादा प्रोटीन (गंभीर संक्रमण में)
🧘♀️ योग और घरेलू उपाय:
- भुजंगासन, वज्रासन, पवनमुक्तासन
- त्रिकोणासन, प्राणायाम (अनुलोम-विलोम)
- तुलसी के पत्ते का काढ़ा
- जीरा पानी, धनिया पानी (mild cases में)
- नियमित साफ-सफाई और दिनचर्या का पालन
📌 निष्कर्ष:
- UTI आम समस्या है लेकिन इसे नजरअंदाज करना सही नहीं।
- अगर लक्षण बार-बार आ रहे हैं तो पूरी जांच ज़रूरी है।
- समय पर इलाज और साफ-सफाई से इस समस्या से पूरी तरह बचा जा सकता है।