Sarpagandhaghan Bati (सर्पगंधाघन बटी): फायदे, उपयोग, मात्रा, नुकसान और सेवन विधि – सम्पूर्ण जानकारी

सर्पगंधाघन बटी (Sarpagandhaghan Bati) – संपूर्ण जानकारी

🔹 सर्पगंधाघन बटी क्या है?

सर्पगंधाघन बटी एक शास्त्रीय आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), अनिद्रा, चिंता, मानसिक तनाव, सिरदर्द और स्नायु विकारों में दी जाती है।

👉 इसका प्रमुख घटक सर्पगंधा (Rauwolfia serpentina) है, जिसे आयुर्वेद में स्निग्ध, शांतकारी और निद्राजनक (Sedative & Hypotensive herb) माना गया है।

👉 सर्पगंधा को आयुर्वेदिक ग्रंथों में “इन्द्रायण” वर्ग में वर्णित किया गया है, और आधुनिक चिकित्सा में भी इसका उपयोग उच्च रक्तचाप नियंत्रित करने के लिए मान्य है।


🔹 आयुर्वेद में उल्लेख

सर्पगंधा का वर्णन चरक संहिता, भैषज्य रत्नावली, योगरत्नाकर जैसे ग्रंथों में मिलता है।

  • यह वात और पित्त शामक है।

  • हृदय रोग, अनिद्रा, मानसिक विकार और उच्च रक्तचाप में उपयोगी बताया गया है।

  • आधुनिक चिकित्सा में भी सर्पगंधा से निकाला गया Reserpine नामक अल्कलॉइड उच्च रक्तचाप और मानसिक रोगों की दवाओं में प्रयुक्त होता है।


🔹 प्रमुख उपयोग (Indications)

  • उच्च रक्तचाप (Hypertension)

  • अनिद्रा (Insomnia)

  • मानसिक तनाव और चिंता (Stress & Anxiety)

  • सिरदर्द और माइग्रेन

  • स्नायु दुर्बलता (Nervous Weakness)

  • हृदय गति का असंतुलन (Palpitation)

  • हिस्टीरिया और उन्माद (Psychiatric conditions)

  • आक्रामक व्यवहार, चिड़चिड़ापन

  • मिर्गी (Epilepsy – सहायक औषधि के रूप में)


🔹 घटक द्रव्य (Ingredients)

सर्पगंधाघन बटी का मुख्य घटक –

  • सर्पगंधा (Rauwolfia serpentina) – जड़ का घनसार (aqueous extract) (कुछ कंपनियों द्वारा इसमें सहायक औषधियाँ जैसे जटामांसी, ब्राह्मी, शंखपुष्पी भी मिलाई जाती हैं।)


🔹 सेवन विधि व खुराक (Dosage & Method)

  • सामान्य खुराक: 1 से 2 गोली (250–500 mg) दिन में 1–2 बार

  • सेवन विधि:

    • गर्म पानी के साथ – अनिद्रा, चिंता, मानसिक अशांति में

    • दूध या घी के साथ – स्नायु व हृदय रोगों में

  • कब लें: भोजन के बाद

  • अवधि: 1 से 3 महीने तक या वैद्य की देखरेख में


🔹 फायदे (Benefits)

✔ उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है

✔ मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन और चिंता को कम करता है

✔ नींद लाने में सहायक (Insomnia में लाभकारी)

✔ हृदय गति को सामान्य करता है

✔ स्नायु तंत्र को शांत और मजबूत बनाता है

✔ सिरदर्द और माइग्रेन में उपयोगी

✔ हिस्टीरिया और आक्रामक प्रवृत्ति को शांत करता है


🔹 संभावित नुकसान / सावधानियाँ (Side Effects & Precautions)

❌ अधिक मात्रा में सेवन करने पर –

  • अत्यधिक नींद आना

  • लो ब्लड प्रेशर (Hypotension)

  • नाक बंद होना (Nasal congestion)

  • चक्कर आना और थकान

  • डिप्रेशन (लंबे समय तक अधिक मात्रा में लेने से)

❌ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को न दें।

❌ बहुत कम रक्तचाप वाले (Hypotension) मरीजों के लिए हानिकारक हो सकती है।

❌ केवल आयुर्वेदिक वैद्य/चिकित्सक की सलाह से ही सेवन करें।


🔹 निष्कर्ष

👉 सर्पगंधाघन बटी एक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्यतः उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, मानसिक तनाव और स्नायु विकारों में प्रयोग की जाती है।

👉 इसका मुख्य घटक सर्पगंधा आधुनिक चिकित्सा में भी मान्य है।

👉 यह दवा हमेशा वैद्य की देखरेख और उचित मात्रा में ही लेनी चाहिए, क्योंकि ओवरडोज से लो बीपी और अवसाद जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।


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