हर्निया (Hernia)
🔷 हर्निया क्या होता है?
हर्निया एक ऐसी अवस्था है जिसमें शरीर का कोई अंग या ऊतक (जैसे आंत) अपनी सामान्य स्थिति से हटकर, मांसपेशियों या टिश्यू में बनी कमजोरी के रास्ते बाहर निकल आता है।
अक्सर यह पेट या कमर के हिस्से में दिखाई देता है, जैसे कि नाभि के पास या अंडकोष के ऊपर।
🔷 हर्निया कैसे होता है? (Causes)
हर्निया तब होता है जब पेट की दीवार कमजोर हो जाती है और अंदर की चीज़ें उस कमजोर हिस्से से बाहर की ओर निकलने लगती हैं। यह कमजोरी जन्म से भी हो सकती है या बाद में विकसित हो सकती है।
🔹 हर्निया के सामान्य कारण:
- भारी वजन उठाना (बार-बार या अचानक)
- पुरानी कब्ज या बार-बार ज़ोर लगाना
- लगातार खांसी या छींक आना (जैसे अस्थमा, सिगरेट पीने वालों में)
- पेट की सर्जरी के बाद कमजोरी
- मोटापा
- प्रसव (Delivery) के बाद पेट की दीवार में कमजोरी
- जन्मजात पेट की दीवार में छेद
🔷 हर्निया के प्रकार (Types of Hernia)
- 🟠 इंगुइनल हर्निया (Inguinal):
– सबसे आम प्रकार, पुरुषों में ज्यादा होता है।
– अंडकोष के पास या जांघ के ऊपरी हिस्से में सूजन। - 🟠 फेमोरल हर्निया (Femoral):
– महिलाओं में अधिक, जांघ के ऊपरी हिस्से में। - 🟠 यूंबिलिकल हर्निया (Umbilical):
– नाभि के पास, अक्सर नवजात शिशुओं में। - 🟠 इनसीजनल हर्निया:
– पेट की सर्जरी के बाद उस जगह से। - 🟠 हायेटल हर्निया (Hiatal):
– पेट का ऊपरी हिस्सा डायाफ्राम के ज़रिए सीने की ओर चला जाता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स होता है।
🔷 हर्निया के लक्षण (Symptoms)
- पेट या कमर में उभार या सूजन
- सूजन दबाने पर अंदर चली जाए और लेटने पर कम हो जाए
- दर्द या भारीपन खासकर खड़े होने, खांसने या झुकने पर
- कब्ज या गैस की शिकायत
- हायेटल हर्निया में एसिडिटी, डकार, सीने में जलन
⚠️ अगर हर्निया की गांठ सख्त हो जाए, दर्दनाक हो, और अंदर न जाए तो ये Emergency (Strangulated Hernia) हो सकता है – तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
🔷 हर्निया से बचाव (Prevention Tips)
- ✅ भारी वजन उठाने से बचें या सही तरीका अपनाएं
- ✅ कब्ज से बचें – फाइबर युक्त आहार लें
- ✅ नियमित व्यायाम करें, लेकिन पेट पर दबाव न डालें
- ✅ वजन नियंत्रित रखें
- ✅ धूम्रपान न करें – खांसी से बचाव के लिए
- ✅ खांसते/छींकते समय पेट पर हाथ रखें
🔷 हर्निया का इलाज (Treatment)
🟡 1. दवाओं से आराम नहीं होता, सिर्फ हायेटल हर्निया में एसिड कम करने वाली दवाएं (Antacids, PPI) दी जाती हैं।
🟡 2. हर्निया का स्थायी इलाज – सर्जरी ही है
यदि हर्निया छोटा है और लक्षण नहीं हैं, तो डॉक्टर कुछ समय निगरानी रख सकते हैं।
लेकिन अगर दर्द है या सूजन बढ़ रही है तो सर्जरी ज़रूरी है।
✔️ सर्जरी के प्रकार:
- Open Surgery – कट लगाकर हर्निया की थैली को अंदर रखकर Mesh (जालीनुमा पर्दा) से बंद किया जाता है।
- Laparoscopic Surgery (Keyhole Surgery) – छोटे-छोटे छेद से कैमरा और उपकरण डालकर सर्जरी की जाती है।
➤ कम दर्द, जल्दी ठीक, कम टांके
🔷 सर्जरी के बाद क्या सावधानी रखें?
- कुछ हफ्तों तक भारी काम या झुकने से बचें
- कब्ज न हो, पानी और फाइबर लें
- पेट पर पट्टी या बेल्ट का इस्तेमाल करें (डॉक्टर की सलाह से)
- नियमित चेकअप कराएं
🔷 नोट:
हर्निया कभी-कभी गंभीर स्थिति ले सकता है, जैसे कि आंत फंस जाना या ब्लड सप्लाई रुक जाना। इसलिए इलाज में देरी न करें।