बच्चेदानी में गांठ या रसौली

बच्चेदानी (गर्भाशय/uterus) में गाँठ (Fibroid या Cyst)

🧬 बच्चेदानी में गांठ क्या है?

बच्चेदानी में गांठ (Fibroid या रसौली) एक प्रकार की गैर-कैंसरयुक्त वृद्धि (Non-cancerous growth) होती है, जो गर्भाशय की मांसपेशियों में बनती है। इन्हें मेडिकल भाषा में यूटराइन फायब्रॉयड (Uterine Fibroids)” या रसौली” कहा जाता है।
कुछ मामलों में सिस्ट (Cyst) या एंडोमेट्रिओसिस भी हो सकता है।

🤒 बच्चेदानी में गांठ क्यों होती है?

कारण विवरण
🔹 हार्मोन असंतुलन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की अधिकता
🔹 आनुवंशिक कारण परिवार में किसी महिला को पहले रहा हो
🔹 मोटापा शरीर में फैट के कारण हार्मोन अधिक बनते हैं
🔹 देर से गर्भधारण या कभी गर्भधारण न करना
🔹 मासिक धर्म का जल्दी शुरू होना
🔹 खराब जीवनशैली – तनाव, नींद की कमी, अनियमित खानपान

🔍 लक्षण (Symptoms)

  • मासिक धर्म में अत्यधिक ब्लीडिंग या लम्बे समय तक पीरियड्स
  • पेट के निचले हिस्से में सूजन या दर्द
  • पेशाब बार-बार आना या रुकना
  • थकावट, कमजोरी
  • बांझपन (Infertility)
  • यौन संबंध के दौरान दर्द

कई बार गांठें बिना किसी लक्षण के भी होती हैं और नियमित जांच से पता चलता है।

🛡️ बचाव कैसे करें?

  • वजन नियंत्रित रखें
  • हार्मोन संतुलन बनाए रखने के लिए पौष्टिक भोजन लें
  • समय पर मासिक धर्म और अन्य लक्षणों की निगरानी रखें
  • तनाव से बचें, नींद पूरी लें
  • नियमित योग और व्यायाम करें
  • गर्भाशय से संबंधित नियमित हेल्थ चेकअप कराएं (हर 6-12 महीने)

🔬 जांच (Diagnosis)

जांच का नाम उद्देश्य
🔹 अल्ट्रासाउंड (Pelvic Ultrasound) गांठ की साइज, स्थान और संख्या जानने के लिए
🔹 TVS (Transvaginal Sonography) योनि के माध्यम से अल्ट्रासाउंड – ज्यादा स्पष्ट जानकारी
🔹 MRI या CT Scan जटिल मामलों में गांठ की संरचना समझने के लिए
🔹 Hysteroscopy गर्भाशय के अंदर देखने के लिए (जरूरत अनुसार)
🔹 Blood Test (CBC, Thyroid, Hormone test) खून की कमी या हार्मोन असंतुलन की जांच के लिए

💊 इलाज (Treatment)

स्थिति इलाज
🔸 छोटा फाइब्रॉयड, कोई लक्षण नहीं निगरानी और नियमित चेकअप
🔸 दर्द/ब्लीडिंग हार्मोनल दवाएं (GnRH agonist, Progesterone), NSAIDs
🔸 साइज बड़ा हो मयोमेक्टॉमी (Myomectomy – गांठ निकालना)
🔸 संतान की योजना नहीं है और बार-बार समस्या हो Hysterectomy (गर्भाशय निकालना)
🔸 अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट आयुर्वेदिक/होम्योपैथिक उपचार (डॉक्टर की सलाह से)

🍎 क्या खाएं और क्या खाएं?

✔️ खाएं:

  • हरी सब्जियाँ (ब्रोकोली, पालक, मैथी)
  • फल – पपीता, अनार, संतरा, सेब
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त चीजें – अलसी के बीज, अखरोट
  • हल्दी और त्रिफला का सेवन
  • आयरन युक्त आहार – गुड़, चुकंदर, अनार (यदि खून की कमी है)

बचें:

  • अधिक तेलीय, मसालेदार और प्रोसेस्ड फूड
  • रेड मीट
  • ज्यादा कैफीन, कोल्ड ड्रिंक
  • बहुत ठंडी चीजें (आइसक्रीम, बर्फ का पानी)

🧘‍♀️ योग और एक्सरसाइज सुझाव:

  • सुप्त बद्धकोणासन (Supta Baddha Konasana)
  • भुजंगासन (Cobra Pose)
  • बालासन (Child Pose)
  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम
  • सूर्य नमस्कार (हल्का रूप)
  • हलासन (Halasana)

नियमित योग से हार्मोन संतुलन बेहतर होता है और रक्त प्रवाह सही रहता है।

📌 विशेष सुझाव:

  • यदि बार-बार मासिक धर्म असामान्य हो रहा हो या पेट में गांठ महसूस हो तो देरी न करें, गायनोकॉलोजिस्ट से तुरंत जांच कराएं।
  • संतान की योजना है तो मयोमेक्टॉमी ऑप्शन हो सकता है।
  • घरेलू उपचार तभी करें जब डॉक्टर से सलाह ली हो।

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