Chandanadi Bati (चन्दनादि बटी): फायदे, उपयोग, खुराक, नुकसान और सेवन की पूरी जानकारी

चन्दनादि बटी (Chandanadi Bati) – आयुर्वेदिक जानकारी

चन्दनादि बटी क्या है?

चन्दनादि बटी एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है, जो विशेष रूप से मूत्र संबंधी रोगों (Urinary Disorders), गर्मी की समस्या, मूत्र में जलन, प्यास की अधिकता, तथा मूत्र मार्ग के संक्रमण (UTI) में प्रयोग की जाती है। इसमें मुख्य घटक चन्दन है, जो शरीर को ठंडक पहुँचाता है और मूत्र विकारों को दूर करने में सहायक होता है।


आयुर्वेद में उल्लेख

चन्दनादि बटी का उल्लेख आयुर्वेदिक ग्रंथों में मूत्रविकार, पित्तजन्य विकार और दाह (जलन) को शांत करने वाली औषधियों में किया गया है। यह औषधि शीतल (ठंडी प्रकृति) की है और पित्त दोष को संतुलित करती है।


उपयोग (Benefits / Upyog)

चन्दनादि बटी का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है –

  1. मूत्र मार्ग में जलन (Burning Micturition)

  2. मूत्र का बार-बार आना (Polyuria)

  3. पेशाब में संक्रमण (Urinary Tract Infection – UTI)

  4. पेशाब रुक-रुक कर आना (Dysuria)

  5. प्यास की अधिकता (Excessive Thirst)

  6. गर्मियों में होने वाली पेशाब संबंधी समस्याएँ

  7. रक्तमूत्र (Hematuria) – मूत्र में खून आना

  8. पित्त विकार से उत्पन्न रोग


घटक (Ingredients / Ghatak)

चन्दनादि बटी के प्रमुख घटक –

  • श्वेत चन्दन (Santalum album) – शीतल, दाहनाशक, मूत्रल

  • कपूर (Camphora) – ठंडक प्रदान करने वाला, जीवाणुनाशक

  • गंधक (Sulphur शुद्ध) – संक्रमण नाशक

  • यष्टिमधु (Mulethi) – सूजन कम करने वाला, मूत्र को साफ रखने वाला

  • गिलोय (Guduchi) – रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाला

  • गुड़मार (Gymnema sylvestre)

  • त्रिफला – शरीर से विषैले पदार्थ बाहर करने वाली
    (संयोजन अलग-अलग आयुर्वेदिक कंपनियों में थोड़ा भिन्न हो सकता है।)


खुराक (Dose)

  • वयस्कों के लिए: 1–2 गोली, दिन में 2–3 बार

  • सेवन विधि: सामान्यतः ठंडे पानी या गिलोय/मिश्री मिले पानी के साथ

  • डॉक्टर की सलाह अनुसार ही सेवन करें।


सेवन विधि (Sevan Vidhi)

  • भोजन के बाद 1–2 गोली ठंडे पानी के साथ लें।

  • अधिक गर्मी या पेशाब में जलन होने पर इसका सेवन विशेष लाभकारी है।

  • लगातार 1–2 सप्ताह या चिकित्सक की सलाह तक सेवन किया जा सकता है।


संभावित नुकसान (Side Effects / Nuksan)

  • अत्यधिक मात्रा में सेवन करने पर अत्यधिक ठंडक या कमजोरी महसूस हो सकती है।

  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बिना चिकित्सक परामर्श के उपयोग नहीं करना चाहिए।

  • बच्चों को केवल वैद्य की देखरेख में ही दें।

  • लंबे समय तक बिना परामर्श सेवन करना उचित नहीं है।


निष्कर्ष

चन्दनादि बटी एक सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है, जो मुख्य रूप से मूत्र रोग, जलन, UTI और पित्तजन्य विकारों में लाभकारी है। इसे चिकित्सक की सलाह से उचित मात्रा में लेने पर यह अत्यधिक उपयोगी सिद्ध होती है।


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